नवरात्र कब से कब तक रहेंगे? जानिए घटस्थापना का मुहूर्त और नौ दिन की देवियां
चैत्र नवरात्र 25 मार्च से शुरू होंगे इसे वासंतिक नवरात्र भी कहा जाता है। इसी दिन से विक्रम नवसंत्सवर 2077 की शुरुआत होगी। इस बार हिंदी नव वर्ष का राजा बुध रहेगा। क्योंकि बुधवार के दिन से ही नये साल का प्रारंभ होने जा रहा है।
Chaitra Navratri 2020 March Or April Dates:
चैत्र नवरात्र 25 मार्च से शुरू होंगे इसे वासंतिक नवरात्र भी कहा जाता है। इसी दिन से विक्रम नवसंत्सवर 2077 की शुरुआत होगी। इस बार हिंदी नव वर्ष का राजा बुध रहेगा। क्योंकि बुधवार के दिन से ही नये साल का प्रारंभ होने जा रहा है।

नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस बार नवरात्रि में कई शुभ योग भी पड़ रहे हैं। इन योगों में मां की पूजा फलदायी मानी गई है। चैत्र नवरात्रि में चार सर्वार्थ सिद्धि योग, 5 रवि योग और एक गुरु पुष्य योग रहेगा। माना जा रहा है कि इन शुभ योग के कारण मां की पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। नवरात्र के सभी दिन नये कार्य का प्रारंभ करने के लिए भी शुभ माने जाते हैं। चैत्र नवरात्रि से मौसम में बदलाव होना शुरू हो जाता है। सर्दियां चली जाती हैं और गर्मी के मौसम का आगमन होता है। इस मौसम परिवर्तन के कारण कई तरह के रोगों का सामना भी करना पड़ता है। ऐसे में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इन दिनों व्रत रखे जाते हैं।
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त:
घटस्थापना – बुधवार, मार्च 25, 2020 को
घटस्थापना मुहूर्त – 06:00 ए एम से 06:57 ए एम
अवधि – 00 घण्टे 56 मिनट्स
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – मार्च 24, 2020 को 02:57 पी एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – मार्च 25, 2020 को 05:26 पी एम बजे
मीन लग्न प्रारम्भ – मार्च 25, 2020 को 06:00 ए एम बजे
मीन लग्न समाप्त – मार्च 25, 2020 को 06:57 ए एम बजे
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है।
घटस्थापना मुहूर्त, द्वि-स्वभाव मीन लग्न के दौरान है।

नवरात्रि के नौ दिन:
25 मार्च- पहला दिन- प्रतिपदा- मां शैलपुत्री की उपासना 26 मार्च-
दूसरा दिन- द्वितीया- मां ब्रह्राचारिणी की उपासना 27 मार्च-
तीसरा दिन- तृतीया- मां चंद्रघंटा की उपासना 28 मार्च-
चौथा दिन- चतुर्थी तिथि- मां कूष्मांडा की उपासना 29 मार्च-
पांचवा दिन- पंचमी तिथि- मां स्कंदमाता की उपासना 30 मार्च-
छठा दिन- षष्ठी तिथि- मां कात्यायनी की उपासना 31 मार्च-
सातवां दिन- सप्तमी तिथि- मां कालरात्रि की उपासना 01 अप्रैल-
आठवां दिन- अष्टमी तिथि- मां महागौरी की उपासना 02 अप्रैल-
नौवा दिन- नवमी तिथि- मां सिद्धिदात्री की उपासना”
चैत्र नवरात्र पर माता का वाहन और प्रभाव
ज्योतिषशास्त्र में नवरात्र का बड़ा ही महत्व है। आश्विन और चैत्र नवरात्र में माता के वाहन से आने वाले साल की स्थिति का आकलन किया जाता है। आश्विन नवरात्र में इस बार माता की विदाई मनुष्य वाहन पर हुई है जिसे अशुभ फलदायी माना जाता है। उस समय पंडित राकेश झा ने भविष्यवाणी की थी कि आने वाले साल में जन धन की हानि होगी। अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त होगी। लोगों में चिंता और निराशा का भाव बढे़गा। आइए जानें चैत्र नवरात्र में माता का वाहन क्या होगा और इसका देश दुनिया पर कैसा प्रभाव रहेगा।
नाव पर आ रही हैं माता
चैत्र नवरात्र 2020 का आगमन बुधवार को हो रहा है। देवीभाग्वत पुराण में बताया गया है कि नवरात्र का आरंभ बुधवार को होगा तो देवी नौका पर यानी नाव पर चढ़कर आएंगी। माता के नौका पर चढ़कर आने का मतलब यह है कि इस साल खूब वर्षा होगी जिससे आम लोगों का जीवन प्रभावित हो सकता है। बाढ़ की वजह से जन धन का बड़ा नुकसान हो सकता है।

माता की विदाई हाथी पर
चैत्र नवरात्र का समापन 3 मार्च शुक्रवार को हो रहा है। पुराण में कहा गया है कि अगर शुक्रवार के दिन माता विदा होती हैं तो उनका वाहन हाथी होता है। हाथी वाहन होना भी इसी बात का सूचक है कि अच्छी वर्षा होगी। लेकिन कृषि के मामले में स्थिति अच्छी रहेगी। अच्छी उपज से किसान उत्साहित रहेंगे। नवसंवत् के मंत्री चंद्रमा और राजा बुध का होना भी यह बताता है कि आने वाले साल में अर्थव्यवस्था को संभलने का मौका मिलेगा।

आने वाले साल को शुभ बनाएं
चैत्र नवरात्र के अवसर पर नौ दिनों तक माता की पूजा नियमित करें और हर दिन कवच, कीलक अर्गलास्तोत्र का पाठ करते हुए हो सके तो हर दिन एक कन्या भोजन करवाएं और दशमी तिथि को कन्या को वस्त्र और दक्षिणा सहित विदा करें। हर दिन माता को पूजा करते समय एक लवंग जरूर चढ़ाएं और इसे प्रसाद रूप में ग्रहण करें।
